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आज से काफी साल पहले एक किताब में पढ़ा था की जीत उसकी नहीं होती जिसके पास हथियार होता है जीत उसकी होती है जिसके पास हौसला और जिगर होता है और जिसके पास ये नहीं होता उसे अपने आत्म सम्मान से समझौता करना पड़ता है और जब ये स्थिति किसी मुल्क की हो तो उसके नागरिक अपने आत्म सम्मान के साथ-साथ आत्म विश्वास भी खो देते है कमोबेश आज के समय में हमारे मुल्क की भी यही स्थिति है, किसी को कोई खास फर्क नहीं पड़ता की हम न्यू क्लीअर शक्ति है, हमारे हथियारों का सज्ञान आज कोई मुल्क नहीं लेता क्यों की सभी को पता है की हम अपने मुल्क की समस्याओ को और यहाँ तक की आतंकवाद से भी नरमी से पेश आते है, हमारे पास इन्हें चलाने का हौसला नहीं है वो जिगर नहीं है की कोई मुल्क ये एहसास करे की हम न्यू क्लीअर शक्ति है, लिहाज़ा हम गाँधी जी के चौथे अहिंशक बन्दर बन कर रह गए है जो अपने आत्म सम्मान की रक्षा करने में असमर्थ है अब हमें आदत पड़ चुकी है अपने गाल आगे करने की और इसलिए कोई ख़ास फर्क भी नहीं पड़ता की मारने वाला कौन है!
२०२० में विश्व शक्ति बनने का ख्वाब देख रहे भारत को इस बार कनाडा ने जलील किया सबसे पहले उसने हमारे सुरक्षा अधिकारियों को बर्बर बताते हुए वीजा देने से इनकार किया और बाद में हमारे कड़े विरोध के तीन दिन बाद खेद जता कर हमें हमारी पिलपिली शक्ति होने का एहसास भी कराया लेकिन इस जलालत का सिलसिला बहुत लम्बा है,चीन हमारी लाखो एकड़ जमीन पर कब्ज़ा करने के बाद अरुणाचल प्रदेश अपना बताता है, हमें स्टेपलर वीजा देता है,पाकिस्तान हमारे सबूतों की खिल्ली उडाता है और हमें बर्बाद करने का हर संभव प्रयाश करता है,नेपाल हमें अपने लिए खतरा बताता है और हमसे बेहतर चीन को समझता है,बांग्लादेश हमारे जवानो को जानवरों की तरह मारता है,हमारे भगोड़े आतंकवादियों को पनाह देता है और अपने भूखे नागरिको को हमारी सीमा में धकेल देता है,श्री लंका एक सीमा के बाद हमें तवज्जो नहीं देता, हम रूस, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया में लुटते है, पिटते है, मारे जाते है, और कुछ समय बाद हमारे मंत्री जी फिर उन्ही की तरफदारी करते है, अमेरिका पाकिस्तान के कंधे पर हाथ रखकर हमें बातो से बहलाता है क्यों की वो जानता है की हमसे ज्यादा हौसला पाकिस्तान के पास है जो खुद बर्बादी की कगार पर खड़ा होने के बावजूद हमें बर्बाद करने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देता!
हमसे लाख गुना अच्छे उन देशो के नागरिक है जो हमारी अर्थ व्यवस्था,हमारी सेना,हमारे लोकतंत्र के सम्मुख कहीं नहीं टिकते लेकिन अपने सम्मान की रक्षा करने में सक्षम है आज ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रो से ज्यादा चीनी छात्र पढते है लेकिन उनके साथ कभी गलत सलूक नहीं होता यमन, सूडान, इरान, क़तर, थाईलैंड, मलेशिया इसराइल जैसे देशो के छात्र और नागरिक अपने आत्म सम्मान के साथ वहां शान से रहते है!
आज आस्ट्रेलिया कनाडा या अमेरिका में भी चीन या इसराइल के छात्र या नागरिको के साथ गलत बर्ताव नहीं होता क्यों की सब को पता है की इन देशो की नीति बेहद आक्रामक है ये देश ईंट का जवाब पहाड़ से देने का हौसला रखते है,इसराइल जैसा देश चारो तरफ से शत्रु देशो से घिरा होने के बावजूद अपने आत्म सम्मान की रक्षा करने में अकेला सक्षम होने के साथ सभी पर भारी पड़ता है क्यों की वो जानता है की वो ऊपर वाला भी उसी की मदद करता है जो अपनी मदद खुद करता है!
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